Top 10 Places to Visit in Rajgir: राजगीर जो कि बिहार का एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल है जो कि अपनी प्राकृतिक सुंदरता पौराणिक कथाओं और अपनी धार्मिक धरोहर के लिए विश्व भर में प्रसिद्ध है।
यह स्थल न केवल हिंदू, बौद्ध, और जैन धर्म के लोगों के लिए बल्कि इतिहास प्रेमियों के लिए भी एक विशेष स्थान का दर्जा रखता है। राजगीर का नाम मुख्य दो शब्दों को जोड़कर बना है राजा और गिरी: इन दोनों शब्दों को मिलाकर अगर इसका अर्थ निकाला जाए तो इसका अर्थ होता है राजाओं का पर्वत; इस स्थल का धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व इसकी सुंदरता में चारों चांद लगा देते हैं। यह स्थान कभी मगध साम्राज्य की राजधानी रह चुकी है, और इसका नाम पौराणिक महाभारत के पात्रों और बुद्ध धर्म के त्रिपिटक तथा उपदेशों से भी जुड़ा हुआ हैं।
आज के इस ब्लॉक पोस्ट में हम आपको बताने वाले हैं राजगीर के उन 10 प्रमुख स्थानों के बारे में जो कि आपको बहुत ही प्यारी पर्यटन अनुभव प्रदान करेंगे, तथा आपको वहां घूमने अवश्य जाना चाहिए।
Top 10 Places to Visit in Rajgir
- गृद्धकूट पर्वत (Vulture peak)
- विश्व शांति स्तूप (Vishwa Shanti Stupa)
- राजगीर हॉट स्प्रिंग्स (Rajgir Hot Springs)
- वेणुवन (Venu Van)
- सोन भंडार गुफाएँ (Son Bhandar Caves)
- पिप्पल गुफा (Pippala Cave)
- सप्तपर्णी गुफाएँ (Saptparni Caves)
- साइक्लोपियन वॉल (Cyclopean Wall)
- जरासंध का अखाड़ा (Jarashand ka Akhada)
- नालंदा विश्वविद्यालय (Nalanda University)
1. गृद्धकूट पर्वत (Vulture peak)
गृद्धकूट पर्वत जो की राजगीर का एक बहुत ही अनोखा पर्वत है जो कि बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए बहुत ही विशेष महत्व रखता है। यह वह स्थान है जहां पर भगवान बुद्ध ने अपना महत्वपूर्ण “प्रज्ञापारमिता सूत्र” का उपदेश सर्वप्रथम दिया था। गृद्धकूट पर्वत का नाम इसके आकार की वजह से पड़ा है क्योंकि यह पर्वत के आकार का प्रतीत होता है इसी कारण बुद्ध अनुयाई स्थान को अत्यधिक सरकार से देखते हैं और यहां विश्व भर से पर्यटक हर साल आते हैं।
पर्वत की विशेषताएं:
प्राकृतिक सौंदर्य से भरा हुआ: यह पर्वत पर से राजगीर की प्राकृतिक सुंदरता का अद्भुत दृश्य देखने को मिलता है, जो की अविश्वसनीय होती है। इसके इसके अलावा जब आप इस पर्वत की शिखर पर पहुंच जाते हैं तो वहां से भी नीचे का नजारा बहुत ही सुंदर होता है। इसके अलावा आपको इस पर्वत पर ट्रैकिंग और रोपवे की भी सुविधा उपलब्ध कराई गई है। रोपवे से यात्रा करते समय नीचे की हरी भरी घाटियां और पहाड़ देखने को आपको मिल जाएंगे।
धार्मिक महत्व:
गृद्धकूट पर्वत बौद्ध धर्म के चार मुख्य पवित्र स्थलों में से एक है या स्थान भगवान बुद्ध के उपदेशों और ध्यान के लिए बहुत प्रसिद्ध है कहा जाता है कि गौतम बुद्ध ने यहीं पर अपने शिष्यों को “प्रज्ञापारमिता सूत्र” का ज्ञान सर्वप्रथम दिया था पर्वत की चोटी पर एक छोटा सा स्टुपिड स्थित है तथा बुद्ध की मूर्ति स्थित है जो वहां पर आने वाले सभी भक्तों को ध्यान और प्रार्थना का अवसर प्रदान करती हैं।
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2. विश्व शांति स्तूप (Vishwa Shanti Stupa)
बिहार में राजगीर का विश्व शांति स्तूप जो कि पूरे विश्व में प्रसिद्ध है जो कि शांति और सादगी का प्रतीत है। इस स्तूप का निर्माण जापानी बौद्ध भिक्षुओं द्वारा करवाया गया था। जिनका उद्देश्य विश्व भर में शांति का संदेश फैलाने का था। राजगीर का यह स्तूप दुनिया के सबसे ऊंचे शांति स्तूपों में से एक हैं।
स्तूप की विशेषताएं:
विश्व शांति स्तूप बौद्ध कला और जापानी स्थापत्य का एक अद्भुत उदाहरण है। इसमें भगवान गौतम बुद्ध की चार अवस्थाओं जन्म, ज्ञान, प्राप्ति, उपदेश और निवान को दर्शाया गया है। अगर इस स्तूप तक पहुंचाने के लिए रोपवे की सुविधा का उपयोग करते हैं तो यह यात्रा पर्यटकों के लिए एक रोमांचक अनुभव होगा, वहां से आप राजगीर की प्राकृतिक सुंदरता का आनंद ले पाएंगे।
धार्मिक महत्व:
यह स्थल बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है क्योंकि यहां पर विश्व भर में शांति के लिए प्रार्थनाएं की जाती है और विभिन्न धर्मो के अनुयाई यहां आकर शांति और सुंदरता की कामना करते हैं। स्तूप के चारों ओर हरियाली है जिस कारण यह पर्यटकों के लिए एक अद्भुत पर्यटक स्थल का केंद्र हैं।
3. राजगीर हॉट स्प्रिंग्स (Rajgir Hot Springs)
राजगीर में स्थित गर्म जल कुंड का कुआं प्राचीन समय से ही अपने चिकित्सक के गुणों के लिए प्रसिद्ध है, तथा इसका उपयोग हमेशा चिकित्सा के लिए किया गया है। यह जल कुंड प्राप्त धारा पर्वत के तल पर स्थित है, और इसमें साथ प्राकृतिक जलधाराएं आकार मिलती है इनमें से प्रत्येक कुंड का पानी विभिन्न गुणों से भरा हुआ है, और यह माना जाता है कि इस स्थान पर स्नान करने से त्वचा रोग और अन्य बीमारियों से छुटकारा मिल सकती हैं।
आकर्षण का कारण:
राजगीर हॉट स्प्रिंग्स में से सबसे मुख्य ब्रह्मा कुंड है यह सभी जलकुंडों में से सबसे प्रसिद्ध है। यहां पर हर साल हजारों की तादात में भक्त स्नान करने आते हैं। इस कुंड के पानी का तापमान लगभग 45 डिग्री सेल्सियस तक रहता हैं।
महत्वपूर्ण गुण:
यहां के पानी में गंधक की मात्रा बहुत अधिक होती है, जिस कारण से औषधीय के गुणों से भरा हुआ माना जाता है। पर्यटक द्वारा यहां पर स्नान किया जाता हैं, तथा कहा जाता है कि यहां पर स्नान करने पर त्वचा संबंधित सभी रोग तथा गठिया जैसे शारीरिक समस्याओं से छुटकारा मिलती हैं।
4. वेणुवन (Venu Van)
वेणुवन राजगीर का एक बहुत ही सुंदर स्थान है जो कि भगवान बुद्ध द्वारा इस्तेमाल किया जाता था। इस स्थान को भगवान बुद्ध अनुयायियों को प्रवचन देने के लिए उपयोग करते थे। कहा जाता है की इस स्थान को राजा बिम्बिसार द्वारा भगवान बुद्ध को उपहार में दिया गया था। वेणुवन का नाम इसके बारा के जंगलों की वजह से पड़ा है, इस जगह की खासियत यह है कि यहां का वातावरण बहुत ही शांति और प्राकृतिक सुंदरता से भरा हुआ हैं।
धार्मिक महत्व:
वेणुवन बौद्ध धर्म का एक प्रमुख स्थलों में से एक है जहां पर भगवान बुद्ध ने कई प्रमुख उपदेश दिए हैं यहां पर अगर आप ध्यान करते हैं तो आपको एक बहुत ही खास अनुभव होगा। क्योंकि यहीं पर भगवान गौतम बुद्ध ज्ञान और तपस्या करते थे।
पर्यटन आकर्षण:
वेणुवन की सबसे खास बात यह है कि या यहां का वातावरण बहुत ही शांत है तथा यहां पर एक छोटा सा तालाब भी है जिसके किनारे आप बैठकर यहां की प्राकृतिक सुंदरता का आनंद ले सकते हैं तथा आप यहां के शांत वातावरण में बैठकर आप ध्यान कर सकते हैं।
5. सोन भंडार गुफाएँ (Son Bhandar Caves)
राजगीर में स्थित सोन भंडार गुफाएं एक बहुत ही रहस्यमय स्थल है, क्योंकि कहा जाता है कि राजा बिम्बिसार ने प्राचीन समय में अपना खजाना इसी पहाड़ियों के बीच छुपाया था, परंतु आज तक इसे कोई ढूंढ नहीं पाया है। आपको बता दे की गुफाओं की दीवारों पर प्राचीन शिलालेख और नक्काशी देखने को मिलती है। इतिहासकारों के अनुसार यह मौर्यकालीन वास्तु कला के अद्भुत उदाहरण हैं।
रहस्यमय कहानियाँ:
प्राचीन कहानियां के अनुसार स्वर्ण भंडार मैं प्राचीन राजाओं द्वारा खजाने को छुपाया गया है जो की एक गुफा में स्थित है और उसको फिर का दरवाजा किसी मंत्र से खुलेगा जिसका पता किसी को नहीं है इसलिए यह एक रहस्य बना हुआ हैं।
इतिहास:
आपको बता दें कि इन गुफाओं का ऐतिहासिक रूप से भी बहुत महत्व है क्योंकि इन गुफाओं के दीवारों पर प्राचीन मौर्यकालीन कला और वास्तु कला का झलक देखने को मिल जाता है इसके अलावा गुफाओं के अंदरूनी हिस्सों में कई प्रकार के प्राचीन चित्र और शिलालेख भी खुदे हुए मिलते हैं, जो भारतीय प्राचीन सभ्यता को दर्शाते हैं।
6. पिप्पल गुफा (Pippala Cave)
पीपल गुफा जिसे की पांडू की गुफा के नाम से भी जाना जाता है। यह राजगीर का एक और धार्मिक स्थल है जो की अपने शांत वातावरण और प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है, यहां पर बौद्ध और जैन धर्म के अनुयाई के लिए यह स्थान पवित्र माना जाता हैं।
धार्मिक महत्त्व:
बाकी जगह की तरह यहां पर भी कहा जाता है कि भगवान महावीर ने ध्यान किया था और यह गुफा बौद्ध धर्म की अनुयायियों के लिए भी महत्वपूर्ण हैं।
पर्यटन आकर्षण:
जिन लोगों को ट्रैकिंग करने का शौक है उन लोगों के लिए यह स्थल बहुत ही महत्वपूर्ण है क्योंकि यहां पर गुफा तक पहुंचने के लिए रास्ता पहाड़ियों से गुजरता हैं। जहां से आप ट्रैकिंग कर सकते हैं तथा प्राकृतिक सुंदरता का अद्भुत अनुभव उठा सकते हैं, इसके अलावा गुफा के पास का माहौल बहुत ही शांत है और यहां से दिखाई देने वाला दृश्य भी आपको मंत्र मुक्त कर देगा।
7. सप्तपर्णी गुफाएँ (Saptparni Caves)
सप्तपर्णी गुफाएँ बौद्ध धर्म के लोगों के लिए सबसे महत्वपूर्ण जगहों में से एक मानी जाती है। यह उन स्थानों में से एक है जहां पर भगवान बुद्ध के ज्ञान प्राप्ति के बाद प्रथम बौद्ध संगति सभा का आयोजन किया गया था यह गुफाएं राजगीर के रक्त धारा नामक पर्वत पर स्थित हैं।
धार्मिक महत्त्व:
इस स्थान पर स्थित गुफाएं बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए एक विशेष धार्मिक स्थल है क्योंकि सबसे पहले यहीं पर भगवान गौतम बुद्ध द्वारा दी गई शिक्षा को संकलित किया गया था। जिस कारण यह स्थल इतिहास में एक नया मोड़ का प्रतीक बना यह गुफाएं पहाड़ों के अंदर स्थित है और यहां का भी वातावरण बाकी जगह की तरह ही बहुत शांत हैं।
इतिहास और महत्त्व:
यह जगह प्राकृतिक सौंदर्य और ऐतिहासिक धरोहर दोनों का मिश्रण है यह गुफाहाए पहाड़ियों के भीतर होने के कारण यहां तक पहुंचाने का रास्ता बहुत ही रोमांचक हो जाता हैं, इसके अलावा रास्ते में घने जंगल और हरी भरी घटिया भी देखने को मिल जाती हैं।
8. साइक्लोपियन वॉल (Cyclopean Wall)
साइक्लोपियन वॉल राजगीर के इतिहास का एक अनोखा स्थल हैं, जो की प्राचीन मगद साम्राज्य के समय की है यह दीवार करीब 40 किलो मीटर लंबी हैं और इसे बिना किसी सीमेंट या पत्थरों को जोड़कर बनाया गया था। जो की एक बहुत ही अविश्वसनीय है इस दीवार को मगद सम्राट की सुरक्षा के लिए मुख्य रूप से बनाया गया था। और यह प्राचीन रक्षा संरचनाओं में से प्रमुख माना जाता हैं।
विशेषताएं:
यह दीवार उस समय के सबसे कुशल कारीगरों द्वारा बनाया गया था जो कि यह दर्शाता है कि इस समय की एक कुशल इंजीनियरिंग और वास्तु कला का निर्माण किया जाता था यह दीवार पूरी तरह से पत्थरों से ही बनाई गई हैं, और इसे बनाने में किसी तरह का कोई भी सीमेंट या कोई भी जोड़ का उपयोग नहीं किया गया हैं।
पर्यटन आकर्षण:
जिन पर्यटकों को इतिहास से प्रेम है उन्हें इस जगह पर एक बार जरूर आना चाहिए क्योंकि यह दीवार उनके लिए यह एक बहुत ही अनोखा वास्तुकला का प्रमाण हो सकता है, जिसे की हजारों साल पहले बनाई गई थी।
9. जरासंध का अखाड़ा (Jarashand ka Akhada)
महाभारत के महान योद्धाओं में से एक जरासंध का अखाड़ा राजगीर एक प्रमुख आकर्षण बना हुआ है यह वह स्थान हैं जहां पर महाभारत के युद्ध के दौरान भीम और जरासंध के बीच लड़ाई हुई थी जिसमें भीम ने जरासंध के शरीर के दो टुकड़े कर दिए थे यह स्थल महाभारत काल के युद्ध कला और शारीरिक परीक्षण के केंद्र के रूप में प्रसिद्ध हैं।
महाभारत से जुड़ी कहानियां:
प्राचीन महाभारत की कथाओं के अनुसार यह वही जगह है जहां पर पांडवों ने भीम को जरासंध से अखाड़ा करने भेजा था जिसमें की भी की विजय हुई थी यह स्थान महाभारत के सच होने का गवाहों में से एक हैं।
पर्यटन आकर्षण:
यह स्थल उन लोगों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है जिन्हें महाभारत के बारे में जानने को रुचि रखते हैं क्योंकि यहां पर प्राचीन समय से ही महाभारत काल के योद्धाओं की कहानी सुनाई जाती रही है। जिस कारण यह स्थल भारतीय संस्कृति और इतिहास में रुचि रखने वालों के लिए एक महत्वपूर्ण स्थान हैं।
10. नालंदा विश्वविद्यालय (Nalanda University)
राजगीर से कुछ ही दूरी पर स्थित है विश्व का सबसे पुराना विश्वविद्यालय नालंदा विश्वविद्यालय यह विश्वविद्यालय बौद्ध धर्म का प्रमुख शिक्षा का स्थान रहा है यहां देश तथा विदेश से विद्यार्थी अध्ययन करने आते थे पांचवीं शताब्दी में स्थापित या विश्वविद्यालय भारतीय शिक्षा प्रणाली का एक गौरवशाली प्रतीक और इतिहास हैं।
इतिहास:
आपको बता दें कि इस विद्यालय की स्थापना गुप्त राजा कुमारगुप्त द्वारा पांचवीं शताब्दी में कराई गई थी। जो कि विश्व भर में प्रसिद्ध हुई और यहां पर देश से तथा देश के अलावा विदेशों से भी छात्र शिक्षा लेने के लिए आते थे।
इस विश्वविद्यालय को बाद में विख्यात खिलजी द्वारा 1198 में जला दिया गया।
पर्यटन आकर्षण:
इस स्थान को जलाने के बाद भी यहां पर विश्वविद्यालय की खंडहर अभी तक मौजूद है जिसे देखने पर पता चलता है कि यहां पर किस तरह विद्यार्थियों को शिक्षा दी जाती थी। आपको बता दें कि विश्वविद्यालय विश्व का पहला विद्यालय था जहां पर आवासीय की सुविधा थी। अगर आप राजगीर आते हैं, तो आपको इस जगह पर एक बार जरूर जाना चाहिए।
निष्कर्ष (Conclusion)
राजगीर का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्त्व, इसकी प्राकृतिक सुंदरता और यहाँ के दर्शनीय स्थल पर्यटकों के लिए एक अद्वितीय अनुभव प्रदान करते हैं। चाहे आप बौद्ध धर्म के अनुयायी हों, जैन धर्म के मानने वाले हों, या इतिहास प्रेमी हों, राजगीर के हर कोने में आपको कुछ नया और अनूठा देखने को मिलेगा। यहाँ के प्राचीन स्थल, मंदिर, गुफाएँ, और प्राकृतिक जलकुंड, राजगीर को एक आदर्श पर्यटन स्थल बनाते हैं।
राजगीर यात्रा आपको भारतीय इतिहास, धर्म और संस्कृति की समृद्ध धरोहर से परिचित कराएगी। यहाँ की प्राकृतिक सुंदरता और शांत वातावरण में कुछ दिन बिताकर आप एक नए अनुभव से गुजरेंगे।
आपकी यात्रा शुभ हो।
धन्यवाद